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शुक्रवार, 13 नवंबर 2020

परिवार/कविता/जेआर'बिश्नोई'

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©️कॉपीराइट:जेआर'बिश्नोई   पंचपोथी के पास संकलन की अनुमति है।इन रचनाओं का प्रयोग   जेआर बिश्नोई   की अनुमति बिना कही नही किया जा सकता हैं।



परिवार - शीर्षक

सब मिलजुल कर जहाँ रहते है हम

एक दुसरे को चाहते है हर दम

सब मिल बाँट कर काम करते

नही किसी से कभी भी लड़ते

साथ मिलकर आगे बढ़ते

नही किसी से कभी भी डरते

चाचा चाची ताऊ ताई भैया भैई

दादा की बात न टाले कोई

ऐसा है मेरा सूखी परिवार

हर रोज मनाता त्योंहार।






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