मंगलवार, 27 अक्तूबर 2020

बाबू/कहानी/जेआर बिश्नोई

 पंचपोथी - एक परिचय


नमस्कार 
तो कैसे है आप लोग?
ठीक हो ना! चलिये शुरुआत करते है सबसे पहले आपका बहुत बहुत स्वागत और हार्दिक अभिनंदन!

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जेआर बिश्नोई

बाबू /कहानी


सड़क पर दौड़ती गाड़ियों से भी तेज चले जा रहे थे शहर की गलियों में लोग जिनमें महिला,पुरुष,बच्चे व बड़े-बूढ़े सभी शामिल है।एक युवा जवान लड़का सड़क के किनारे पेड़ की छाया अपनी पास एक किताब है जिससे हवा ले रहा है उसके पास एक बैग भी है,तभी एक टेक्सी आकर रुकती है जिसमें एक अधेड़ उम्र का आदमी जिसके बाल सफेद है और मुँह पर मास्क है जो टेक्सी चालक है कहता है,कहाँ जाना है आपको?
युवा जवान लड़का सिर हिलाता है ,अपने जेब से मोबाइल निकालकर उसमें समय देखता है तभी टेक्सी वाला फिर कहता है -हेलो ,हेलो बाबू बाबा का ढाबा जाना है क्या??

हाँ हाँ कहता हुआ वो बाबू टेक्सी में बैठ जाता है और अपने बैग से पानी की बोतल निकालकर दो घूँट पानी पीता है फिर अपना जेब मोबाईल निकलकर किसी से बात करता हुआ टेक्सी वाले से कहता है यह जेआर कॉलोनी कहाँ है?
टेक्सी वाला कहता है यह बाबा के ढाबा से आगे लगभग 10 km है,अच्छा ऐसे कहते हुए फिर मोबाइल पर बात करता है और कहता है यह बिश्नोई कॉलोनी कहाँ पर है तभी टेक्सी वाला किसी सामने से आ रही टेक्सी वाले से बोलने लगता है फिर कहता है क्या कहा आपने बाबू?
बाबू कहता है यह बिश्नोई कॉलोनी? तभी टेक्सी वाला बीच में कह देता है यह तो बाबा का ढाबा से काफ़ी दूर है
बाबू कहता है फिर भी??
लगभग 20 km होगी ऐसा टेक्सी वाला कहता है फिर थोड़ी देर चुप रहकर कहता है वो vip area है वहा आपको सब सुविधा मिल जायेगी ऐसा कहते हुए कहता है आप क्या करते है?
बाबू कहता है मै एक कवि हूँ कवि सम्मेलन के लिये यहां आया हूँ 
टेक्सी वाला कहता है अच्छा
मगर और कुछ जॉब वगेरह 
बाबू कहता है- मै एक ब्लॉगगर हूँ पंचपोथी नाम का blog है जिस पर लिखता हूँ और अन्य कवियों की रचना भी प्रकाशित करता हूँ साथ मै youtube पर भी online कवि सम्मेलन करवाता हूँ।टेक्सी वाला शायद कुछ समझा नही था मगर कुछ देर चुप रहने के बाद कहता है अच्छा!अच्छा!
फिर कहता है आपको बाबा का ढाबा जाना है 
बाबू कहता है हाँ हाँ सिर हिलाते हुए
तभी टेक्सी वाला कहता है यही है यह बाबा का ढाबा यानि एक छोटा सा ढाबा
बाबू टेक्सी से उतर जाता है और 20 रुपए का नोट टेक्सी वाले को देता है तभी टेक्सी वाला कहता है 10 रुपए ओर वो 10 रुपए ओर दे देता है
बाबू वहा बैठ जाता है फिर मोबाइल निकालकर बात करता है तभी कुछ लोग आते उनसे मिलते है फिर चाय मंगवाते है चाय पीते हुए गप्पे मारते है तभी एक कहता है वाह भाई सोशल मीडिया का कमाल बाबा का ढ़ाबा इतने में दुसरा कहता है अरे बाबू!आप तो ब्लॉगगर है कैसा चल रहा है ब्लॉग  तभी बाबू कहता है मुझे अभी सोशल मीडिया की जरुरत है,सभी हँस पड़ते है तभी एक बीच में ही कहता है अरे ! तभी एक गाड़ी आती है वो सभी उसमें बैठ जाते है गाड़ी चल पड़ती है।




पंचपोथी एक साहित्यिक मंच है,इस मंच पर आपको मिलेगी हिन्दी साहित्य रचना (जैसे कविता,गज़ल,कहानी आदि) 
तो देर किस बात की आइये पढ़ते है कुछ रचनाएँ जो प्रस्तुत है इस ब्लॉग पर
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