शनिवार, 24 अक्तूबर 2020

कविता/manisha saraswat

 पंचपोथी - एक परिचय


नमस्कार 
तो कैसे है आप लोग?
ठीक हो ना! चलिये शुरुआत करते है सबसे पहले आपका बहुत बहुत स्वागत और हार्दिक अभिनंदन!

आपको बता दिया जाता है कि यह पंच पोथी समूह नये कवियों व नये लेखकों का मंच है ,इस मंच पर नये कवि व लेखक जो अपनी रचना प्रकाशित करना चाहता हो तो उन रचना को यहाँ प्रकाशित किया जाता है।

आपकी रचना कैसे प्रकाशित करे?

आप एक कवि या लेखक है तो हमे रचना भेज सकते है।
1 - आपकी रचना मौलिक होनी चाहिये।
2 - कम से कम 5 रचना भेजे।
3 - हमें आपकी रचना email के माध्यम से भेजे।
    - panchpothi29@gmail com 
4 आपकी रचना आपके नाम से ब्लॉग पर post की जायेगी।



हमसे social मीडिया पर जुड़ने के लिये click करे
👉 facebook

Manisha saraswat 


    Poem-1                        
        सपना
करता जा तू कोशिश बन्दे, 
रब    तो    तेरे   साथ   है। 
डरता क्यों है  मुश्किलों से, 
ये   तो  मात्र   पड़ाव   है।। 
पड़ाव तो ऐसे बहुत आयेगे, 
तो   क्या   डरकर   बैठेगा। 
और देखा था जो सपना तू ने, 
तो   क्या   उसको   तोड़ेगा।। 
तोड़ना नहीं है सपना तुझको, 
बल्कि  उसको  तो  पाना  है।
उसके बाद जो खुशी मिलेगी, 
उसमें  ही  तो   खजाना  है।। 
माता- पिता के चेहरे पर फिर, 
प्यारी   सी   मुस्कान    होगी। 
गर्व   से   सीना   चौड़ा  होगा, 
उसमें तेरी भी तो शान होगी।। 
तो  लग  जा   फिर  तू   अपने, 
उस   सपने   को  पूरा   करने। 
और लगा दे अपनी पूरी मेहनत, 
फिर उस सपने को पूरा कर दे।। 

Poem-2
                किस्मत
क्यों कोसते हो किस्मत को अपनी, 
जरा  निकलकर  देखो  तो  बाहर। 
जो  मिला  है  तुमको  बिन  मागें, 
उसके लिए तरस रहे लोग हजार।। 
तो कोसना बन्द करो किस्मत को, 
और शुकिया करो अब उस रब को। 
जिसने  बख्शा  ये   सब  तुम  को, 
कोटि-कोटि नमन करो अब उसको।। 


Poem-3

यह छोटा सा जीवन

कभी    हँसायेगा, 
तो कभी  रूलायेगा। 
पर  तू डरना मत मेरे दोस्त,
यह बस इम्तिहान लेकर जायेगा।। 
                     यह छोटा सा...... 
जीवन में अगर मुश्किलें आयेगी, 
तो बहुत कुछ सिखा कर जायेगी। 
तू बस हिम्मत से काम लेना मेरे दोस्त, 
तो ये सारी मुश्किलें भी हल हो जायेगी।। 
                    यह छोटा सा.......... 
इस  छोटे  से  जीवन  में, 
यादों  का  बड़ा  पिटारा  होगा। 
तू बस हर लम्हे को खुल के जीना मेरे दोस्त, 
ये  जीवन  न  दुबारा  होगा।। 
                   यह छोटा सा........... 

Poem-4
                            ज़िंदगी
जिंदगी   का   सफर, 
भरा है  पूरा काटों से। 
हँसकर तुम चलोगे तो, 
ये काटें भी है फूल से।। 
रोने   से  मिलेगा  क्या, 
दर्द  खुद को  दोगे तुम। 
जरा मुस्कुरा के देखो तो, 
कितने चेहरे खिलेगे तब।। 
मुश्किलों   का   दौर  है, 
तुम  धैर्य  रखो  गुजरेगा। 
जब नया सवेरा आयेगा, 
तो ये वक्त भी  सुधरेगा।। 

Poem-5

                    अकेलापन
जब  अकेले  आये  दुनिया में, 
तो अकेले क्यों नहीं रह सकतेl
जब  अकेले जाना  दुनिया से,
तो खुश क्यों नहीं रह सकतेll
  जानती   हूँ    मैं, 
बहुत  बातें  बतानी  हैl
पर कोई शख्स ही नहीं है, 
जिन्हें ये बातें सुनानी है।। 
क्यों चाहते एक शख्स, 
जो तुमको जरा समझे।
खुद ही में है वो शख्स, 
जो तुमको सदा समझे।। 
तो खुद मैं खोजो उसको, 
मिलकर  सुकून पाओगे।
पर अगर बाहर खोजा तो, 
सिर्फ   दर्द   पाओगे।। 
अब मर्जी तुम्हारी है, 
क्या चाहते हो तुम। 
अकेले रहना चाहते हो, 
या दर्द सहना चाहते हो।। 
     मानती    हूँ    मैं, 
 बहुत कठिनाई आयेगी। 
 पर  उस दर्द से बेहतर, 
तो वो  कठिनाई  भायेगी।। 


   








पंचपोथी एक साहित्यिक मंच है,इस मंच पर आपको मिलेगी हिन्दी साहित्य रचना (जैसे कविता,गज़ल,कहानी आदि) 
तो देर किस बात की आइये पढ़ते है कुछ रचनाएँ जो प्रस्तुत है इस ब्लॉग पर
इससे पहले आपको बताना चाहेगें पंचपोथी your qoute appपर एक compitation fourm प्रोफाइल है जो प्रतियोगिता आयोजित करता है।
हमारे बारे में अधिक जानकारी के लिये follow करे:-


अन्य रचनाएँ

8 टिप्‍पणियां:

पंचपोथी

पंचपोथी - एक परिचय      Bloomkosh अन्धकार है वहाँ जहाँ आदित्य नहीं, मुर्दा है वो देश जहाँ साहित्य नहीं।। नमस्कार  तो कैसे है आप लोग? ठीक हो ...